जब सुनता नहीं फोन पर तेरी बातों को
मुझे नींद नहीं आती है रातों को
अगर समय हो तो सोचना
कैसे प्यार में की है तूने मेरी आलोचना
मुझे नींद नहीं आती है रातों को
अगर समय हो तो सोचना
कैसे प्यार में की है तूने मेरी आलोचना
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jab sunata nahin phone par teree baaton ko
mujhe neend nahin aatee hai raaton ko
agar samay ho to sochana
kaise pyaar mein kee hai toone meree aalochana
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